Wednesday, April 13, 2011

श्रद्धा विश्वाश

श्रद्धाविश्वाश - याभ्यां विना न पश्यन्ति  सिद्धा: स्वान्त: स्थ्मी श्र्व्रम || - श्री रामचरितमानस 

 
श्रद्धा और विश्वाश ही है जिनके बिना सिद्धजन अपने अन्त:करण में स्थित इश्वर को नहीं देख सकते ||
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